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तू है मेरी जन्नत
चांदनी रात में
तेरे हाथों को कभी चूमता हूं तो
जन्नत की महसूस होती है।
क्या कहूं तेरे मस्त नैनों से
हवा के झोंके बनकर चूम लूं या
रोशनी बनकर तेरे साथ रहूं ।
तेरे कदमों से कदम मिलाते हैं तो
सागर के लहरे जैसे
चूम लेते हैं तेरे प्यार के सनसनाहट हवा ।
तेरे मस्त निगाहें मार देती है मुझे
तेरे प्यार में पंछी बनकर
उड़ रहा है मेरे दिल
नीला अंबर के परी हो तुम ।
तेरे प्यार में हर दिन डूबकर फिर से
निकलने वाला वो चांद है हम ।।
Renu ✍🏻🫶🏻✍🏻
तेरे हाथों को कभी चूमता हूं तो
जन्नत की महसूस होती है।
क्या कहूं तेरे मस्त नैनों से
हवा के झोंके बनकर चूम लूं या
रोशनी बनकर तेरे साथ रहूं ।
तेरे कदमों से कदम मिलाते हैं तो
सागर के लहरे जैसे
चूम लेते हैं तेरे प्यार के सनसनाहट हवा ।
तेरे मस्त निगाहें मार देती है मुझे
तेरे प्यार में पंछी बनकर
उड़ रहा है मेरे दिल
नीला अंबर के परी हो तुम ।
तेरे प्यार में हर दिन डूबकर फिर से
निकलने वाला वो चांद है हम ।।
Renu ✍🏻🫶🏻✍🏻
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