तू है मेरी जन्नत
चांदनी रात में
तेरे हाथों को कभी चूमता हूं तो
जन्नत की महसूस होती है।
क्या कहूं तेरे मस्त नैनों से
हवा के झोंके बनकर चूम लूं या
रोशनी बनकर तेरे साथ रहूं ।
तेरे कदमों से...
तेरे हाथों को कभी चूमता हूं तो
जन्नत की महसूस होती है।
क्या कहूं तेरे मस्त नैनों से
हवा के झोंके बनकर चूम लूं या
रोशनी बनकर तेरे साथ रहूं ।
तेरे कदमों से...