...

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Tere ishq ka jadoo
जागी है अपने दिल में गुलाबों की आरज़ू,

जब मौसम-ए-बहार की हद से गुजर गए



चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,

सांसों में मेरी खुशबु बनके बिखर जाते हो,

कुछ यूँ चला है तेरे इश्क का जादू,

सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो



क्या चाहूँ रब से तुम्हें पाने के बाद,

किसका करूँ इंतज़ार तेरे आने के बाद,

क्यों मोहब्बत में जान लुटा देते हैं लोग,

मैंने भी यह जाना इश्क़ करने के बाद



आपके साथ हे दिल का साहिल,

आपका प्यार है दिल की मंजिल,

आप रहे मेरी हर खुशी में शामिल,

आप मिल जाओ तो इस दिल को,

और नहीं कुछ करना हासिल



लोग तो मरते हैं हुस्न पर

मेरा दिल तो तेरी गुफ्तगू पर मरता है
© mohammadrk