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अगर तुम हम से मिले ही नहीं होते
हम यूं दर्द में छुप-छुप के नहीं रोते
जीवन के सारे सुहाने सपने नहीं खोते
चैन की नींद रोज़ हम भी ज़रा सोते
अगर तुम हम से मिले ही नहीं होते

मां-बापू से हम आंखें नहीं चुराते
पढ़ाई में भी हमारे नंबर अच्छे आते
दोस्तों के संग खुल के मौज मनाते
अगर तुम हम से मिले ही नहीं होते

अपने पापा की बिटिया बन के रहते
प्यार फिज़ूल है हम हंसते हुए कहते
जिंदगी के हसीन पल ज़ाया नहीं करते
अगर तुम हम से मिले ही नहीं होते

अपनी तकदीर हम ख़ुद ही बनाते
हमारी ज़िंदगी के मायने ना बदलते
अपनी पहचान हम यूं ही नही गंवाते
अगर तुम हम से मिले ही नहीं होते

जिंदगी का सफ़र तन्हा तय नहीं करते
रोज़ घुट-घुट कर हम हर पल नहीं मरते
हम भी किसी की सुबह किसी के शब होते
अगर तुम हम से मिले ही नहीं होते

© agypsysoul