सिलवट
गुलाबी सिलवटो को देख लगा
सिलवट भी होती है क्या इतनी अनोखी
दे जाए आकार जो खुद है निराकार
क्या सिलवटो की तरह हि है हमारी ज़िंदगी भी ऐसी
आज है मुड़ी पर कल हो जाए फिर ये समतल
समतल मे कोई रूप...
सिलवट भी होती है क्या इतनी अनोखी
दे जाए आकार जो खुद है निराकार
क्या सिलवटो की तरह हि है हमारी ज़िंदगी भी ऐसी
आज है मुड़ी पर कल हो जाए फिर ये समतल
समतल मे कोई रूप...