...

22 views

राम तत्व
मुक्ति युक्ति से परे
प्रकाशपुंज राम हैं
जीव के आदर्श का
बस एक यही नाम है

राजसी प्रपंच का भी
घूंट हंस के पिसके
हँसके सभी कुछ त्याग दे
निर्मल किए मन जी सके

जानकी के प्रेम में
जो मृत्यु को ललकार दे
लोकजन के प्रेम में जो
प्रेम को भी वार दे

धीर हों सागर से यद्यापि
त्याग के खुश जानकी
वचनों से कीमत हो कम
जब लक्षमण के प्राण की

हों भले उपक्रम सभी
अपयश दिलाने के लिए
वो रमें अपने हीं सच मे
उतमर्ष गाने के लिए

पाषाण भी बनकर अहिल्या
सत्य जिसका गया रही
भीलनी माँ सबरी बन
वात्सल्य का सुख पा रही

सब के भीतर तत्व बसा
अंश है वो विशेष है
अपने अपने राम ढूंढों
राम का संदेश है
© eternal voice