कब क्या हो गया
भला-बुरा कहा उसने, मैंने कहने दिया
जो छूटा जहाँ उसको वही रहने दिया।।
थम जाती थी धड़कनें जिसे देखकर,
ख़ुद को फ़िर उससे न मिलने दिया।।
कुछ समझ भी न आया क्या हो गया,
सोचा नहीं, जो हो रहा था होने दिया।।
दिल ज़ख़्मी हुआ उसकी बेवफ़ाई से,
दिल रोया बहुत, दिल को रोने दिया।।
© राज़ रावलवासी
#रहने-दिया
© भरत 'राज़'
जो छूटा जहाँ उसको वही रहने दिया।।
थम जाती थी धड़कनें जिसे देखकर,
ख़ुद को फ़िर उससे न मिलने दिया।।
कुछ समझ भी न आया क्या हो गया,
सोचा नहीं, जो हो रहा था होने दिया।।
दिल ज़ख़्मी हुआ उसकी बेवफ़ाई से,
दिल रोया बहुत, दिल को रोने दिया।।
© राज़ रावलवासी
#रहने-दिया
© भरत 'राज़'