...

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तनह़ा दिल...
मिलन में ज़लन हैं
शोलों सा बदन हैं
प्यार का कफन हैं ।

प्यार इंतज़ार में हैं
इंतज़ार में तनहाई हैं
तनहासा मेंरा दिल हैं ।।

मैं वो किनारा नहीं
जो छूटता भी हैं,
टूटता भी,
बिख़रता भीं हैं ।

मैं वो साहिल हूँ
जिसनें ना जाने
कितनें तुफ़ान झेंलें हैं
मैं वो साहिल हूँ जिसनें
समंदर को भी रोका हैं ।।

सिनेमें ज़रासी हलचल हैं
और किसीका इंतज़ार हैं
तनहासा मेंरा दिल हैं ।।

©सुबोध जोशी
08-08-2020
© Subodh Digambar Joshi