...

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माँ की दर्द
छूप छूप के रोती है वह
आँखों में आँसू लेके होठों से मुस्कुराती है वह

किसीको अपनी दर्द दिखाती नहीं है
पर दिख जाती है

हमें तो दर्द है पापा के जाने का
पर माँ तो उनकी याद में
सूवह शाम रोती रेहती है
आँखों से आँसू वहाती रेहती है

माँ की दर्द हम देख नहीं पाते है
उसकी दर्द कूछ ऐसी है
जो कीसी से वह बोल नहीं पाती है

अब थोड़ासा वह मुस्कुराने लगी है
उसकी दर्द कूछ कम होने लगी है

हे भगवान उसकी हँसी को वनाए रखना
कभी उससे दूर न करना

उसकी मुस्कान देख के हम भी मुस्कुरालेंगे
अपनी दर्द भी भूल जाएंगे

उसकी खूसी के लिए हम कूछ भी करेंगे
उसकी दर्द को दूर फेंकेंगे
कभी पास न आने देंगे

उसकी होठों पर मुस्कान लाएंगे
इस दूनिया की सारी खुशियाँ देंगे
उसे हर दर्द से मिलों दूर रखेंगे
माँ की दर्द को दूर करेंगे
© ❤Babii Meher❤