मंज़िल
बड़ी अजीब है हर अदाएं उसकी
अलग है उसकी हर महफ़िल
आदत तो है नहीं चुप रहने की
फिर भी वो ही है मेरी मंज़िल
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अलग है उसकी हर महफ़िल
आदत तो है नहीं चुप रहने की
फिर भी वो ही है मेरी मंज़िल
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