सवामणी ( Rajasthani geet )
आज को म्हारो गीत वा कंवारा भाईया के लिए छै ज्याकों घणी कोशिसा करणे के बावजुद भी ब्याह कोनी हो रयो छै एक भाई बालाजी महाराज ने काई कह रयो है एक गीत का माध्यम स्यूँ सुण ज्यों ---------
छोटा-छोटा के बहू आरी म्हँ अखंड कवारों डोलू छूँ
दर पर आकर बाबा थानै नतका ही बोलू छूँ
करवाद्यो जुगाड़ म्हारो , गुण थारा गाऊलों
इबके सावै होग्यो ब्याह सवामणी भी ल्याऊलों
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