इकलौते चिराग
सिमटकर रह गईं संसतियाँ
वसीयतनामों पर थमी कलह आहुतियाँ
सुख क्रांति है देश में परिवार नियोजन
कहीं इकलौते चिराग से धुआं हुआ धन
कागज़ी रिश्तों के सुलगते अलाव में पका
रहे पारंपरिक बिरयानी,
खदबद कर रही महुआ,
वो...
वसीयतनामों पर थमी कलह आहुतियाँ
सुख क्रांति है देश में परिवार नियोजन
कहीं इकलौते चिराग से धुआं हुआ धन
कागज़ी रिश्तों के सुलगते अलाव में पका
रहे पारंपरिक बिरयानी,
खदबद कर रही महुआ,
वो...