...

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एक टुकड़ा बादल
एक टुकड़ा बादल का चूरा लाई
मैं तारों को बिन बताए भाग आई

कल तलाशी लेने चांद आया
मैं बादल को कपास में छुपा आई

हलचल मची आसमान में
आंधियों ने भी ज़ोर लगाया है

रपट लिखाने बारिश आई है
बिजली को गवाह बनाया है

मैं एक छोटा सा जुर्म कर आई
एक टुकड़ा बादल चूरा लाई

© Mistha prajapati