गज़ल
जब तलक उसको ये ख़बर होगी,
दूर उससे मेरी डगर होगी।
हौसला रख उमीद भी जिंदा,
रात के बाद फिर सहर होगी।
राब्ता कुछ नहीं रहा फिर भी,...
दूर उससे मेरी डगर होगी।
हौसला रख उमीद भी जिंदा,
रात के बाद फिर सहर होगी।
राब्ता कुछ नहीं रहा फिर भी,...