...

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मोहब्बत के पहले की मोहब्बत?
थे साथ, रूठने–मनाने का कोई फिक्र ना था,
ख्वाबों–ख्यालों में किसी का कोई जिक्र ना था,
अब उस वक्त का गीत भी, मैं कैसे गुनगुनाऊं।
•तुम्हे मोहब्बत के पहले की मोहब्बत सुनाऊं.?
करीब थे इतने ही, दूरियां होने का गम ना था,
दोस्ती निभाने में कोई किसी से कम ना था,
फिर से इस रिश्ते को, मैं वैसा ही कैसे बनाऊं
•तुम्हे मोहब्बत के पहले की मोहब्बत सुनाऊं?
तब दुनिया की लिहाज हम करते भी क्यों भला,
क्या करती दुनिया हमारा हम डरते भी क्यों भला,
अब छुप–छुप के मिलने का कैसे आलम बताऊं।
•तुम्हे मोहब्बत के पहले की मोहब्बत सुनाऊं?
© Dharminder Dhiman