शीतल एहसास लेखक - मुकेश सागर
बाजरे का दलिया और
उसमें गुड़ की मिठास
तुम्हारे कमल जैसे
हाथों से खाने का
शहद सा एहसास
रात के गुस्से का
प्रेम में रूपांतरण
रात दिन तेरे स्पर्श का
मेरी देह में विचरण ...
उसमें गुड़ की मिठास
तुम्हारे कमल जैसे
हाथों से खाने का
शहद सा एहसास
रात के गुस्से का
प्रेम में रूपांतरण
रात दिन तेरे स्पर्श का
मेरी देह में विचरण ...