कॊरॊनऻ का होगा अंत
दिसंबर के समय चीन में आता था यह जीवाणु ।
उस समय सब इसे समझते थे मामूली सा कीटाणु ।
फिर इस कोरोना को आया जोश और इसने उड़ा दिए अमरीका ,इटली,जर्मनी जैसे देशों के होश।
इसके बाद सबने चीन पे दिखाया अपना आक्रोश ।
कहने लगे और खाओ चमगादड़,मेंढक और सूअरों का गोश्त।
इसकी बढ़ती तेज़ी देख प्रधानमंत्री जी ने लगा दिया कर्फ्यू पूरे देश में।
अब तो घर पे बैठ जाओ वरना पुलिस भी तैयार है लगाके सैनिटाइजर अपने डंडे पे।
हर किसी का सपना होता है कि बचायून मैं किसी की जान।
घर पे बैठे बैठे मौका मिल रहा है अब तो देदो योगदान ।
इस कोरॊना से कांप उठा है हर एक इंसान ।
पर एक दूसरा नज़रिया भी है जिसमें एक हो गया है पूरा भ्रमांड ।
यह कोरोना वायरस तो चला जाएगा मगर देके जाएगा एक फल ।
जो है कि लोगों को पता चलेगा की एकता में है बल।
इस महामारी का नाम तो छप जाएगा इतिहास के पन्नों में मगर साथ ही छपना चाहिए कि कैसे इसका सामना किया उस समय के बन्दों ने।
तो आयो हांथ बढायो कोरोना वायरस को हरने में ।
करना है तुम्हे कुछ नहीं बस वही करो जिसका सपना देखते थे तुम घड़ी घड़ी।
के हो ना मुझे दिनभर कोई काम बस घर पे पड़े -पड़े करूं आराम।
—अभिनव सिंह राठौड़
#goCorona
उस समय सब इसे समझते थे मामूली सा कीटाणु ।
फिर इस कोरोना को आया जोश और इसने उड़ा दिए अमरीका ,इटली,जर्मनी जैसे देशों के होश।
इसके बाद सबने चीन पे दिखाया अपना आक्रोश ।
कहने लगे और खाओ चमगादड़,मेंढक और सूअरों का गोश्त।
इसकी बढ़ती तेज़ी देख प्रधानमंत्री जी ने लगा दिया कर्फ्यू पूरे देश में।
अब तो घर पे बैठ जाओ वरना पुलिस भी तैयार है लगाके सैनिटाइजर अपने डंडे पे।
हर किसी का सपना होता है कि बचायून मैं किसी की जान।
घर पे बैठे बैठे मौका मिल रहा है अब तो देदो योगदान ।
इस कोरॊना से कांप उठा है हर एक इंसान ।
पर एक दूसरा नज़रिया भी है जिसमें एक हो गया है पूरा भ्रमांड ।
यह कोरोना वायरस तो चला जाएगा मगर देके जाएगा एक फल ।
जो है कि लोगों को पता चलेगा की एकता में है बल।
इस महामारी का नाम तो छप जाएगा इतिहास के पन्नों में मगर साथ ही छपना चाहिए कि कैसे इसका सामना किया उस समय के बन्दों ने।
तो आयो हांथ बढायो कोरोना वायरस को हरने में ।
करना है तुम्हे कुछ नहीं बस वही करो जिसका सपना देखते थे तुम घड़ी घड़ी।
के हो ना मुझे दिनभर कोई काम बस घर पे पड़े -पड़े करूं आराम।
—अभिनव सिंह राठौड़
#goCorona