जिंदगी की यही कहानी है बोलती अपनी जुबानी है
इस जीवन की चादर में
सांसों के ताने बाने है
दुःख की थोड़ी सी सलवटे है
सुख के कुछ फूल सुहाने हैं
क्यों सोचे आगे...
सांसों के ताने बाने है
दुःख की थोड़ी सी सलवटे है
सुख के कुछ फूल सुहाने हैं
क्यों सोचे आगे...