...

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एक वादा
किया था तुमने एक वादा ,

और मांगी थी मुझसे मोहलत ,

कुछ समय की !

वह समय तो आज समाप्त हुआ ,

और उस वादे को तुमने मजाक कह दिया

मैंने तो इस समय का इंतजार किया ,

और तुमने फिर एक बार फिर ,

मेरा दिल तोड़ दिया

यकीन नहीं होता अब तुम्हारी बातों ,

और वादों पर

की अब कोई तुम्हारे वादे पर,

ऐतबार नहीं होता

झूठे हो तुम और तुम्हारी मोहब्बत ,

और मुझे झूठ से प्यार नहीं होता

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