...

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टूट ना या निखर ना !
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
टूट के बिखर जाएगा तु,
तेरी तक़दीर को तू खुद मत लिख,
तू चाँद की बात मत कर,
हसीन चेहरे के भीतर भी दाग होते है,
तजुर्बा नही तुम्हे गिर के संभल ने का,
हठ और गुरुर किस बात का है?,
शीशे की तरह वो भी नाझुक होते है,
टूट है तभी बिखर जाते है,
टूटे के बिखरे हुवे टुकड़े कभी जुड़ते नही,
टूट ने के बाद महसूस वो दर्द होता है,
जो जीवनभर चुभता रेहता है,
एक टूटे हुवे शीशे के टुकड़े की तरह,
संभल जा जरा हठ छोड़ दे अब।


© confusioncreate