प्रभू
ध्याऊँ मै पद कमल तिहारे।
तुम प्रभू घट-घट के वासी, दीन दुखियों के सहारे।
वाणी प्यासी तुम्हरे सुमिरन की, नैना राह निहारे।
तुम्हरे आगमन की लालसा में, नैना तक-तक हारे।
ऐसी भक्ति करी रैदासा, हुए अति...
तुम प्रभू घट-घट के वासी, दीन दुखियों के सहारे।
वाणी प्यासी तुम्हरे सुमिरन की, नैना राह निहारे।
तुम्हरे आगमन की लालसा में, नैना तक-तक हारे।
ऐसी भक्ति करी रैदासा, हुए अति...