ग़ज़ल
ये मोहब्बत ये वफ़ा कुछ नहीं बस इक सज़ा
तुम वफ़ा न करना यारो मांगता हूँ मैं दुआ
गिरते आंसू में दिखेगा ये वफ़ा का ज़लज़ला
थाम लेना दिल को अपने हो कभी न ये खता
मेरी...
तुम वफ़ा न करना यारो मांगता हूँ मैं दुआ
गिरते आंसू में दिखेगा ये वफ़ा का ज़लज़ला
थाम लेना दिल को अपने हो कभी न ये खता
मेरी...