जून🥀
#जून
चार जून की बात है
उसमें भी कुछ घात है
कौन बनेगा समय का पहलू,
बिन तेरे मैं कैसे रह लू;
उठता, गिरता,फिर संभलता
मैं रुक कर भी...
चार जून की बात है
उसमें भी कुछ घात है
कौन बनेगा समय का पहलू,
बिन तेरे मैं कैसे रह लू;
उठता, गिरता,फिर संभलता
मैं रुक कर भी...