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CHAHTI HU
तुम्हे अपना बनाना चाहती हूं
तुम्हारे साये में ज़िंदगी बिताना चाहती हूं
अपने दिल में तुमको और तुम्हारे दिल में खुद को बसाना चाहती हूं
तुम्हे अपना कृष्णा और खुद को तुम्हारी राधा कहना चाहती हूं
तुम्हे अपना बनाना चाहती हूं
तुम्हारे साये में ज़िंदगी बिताना चाहती हूं
तुम्हारे लिए मरना और तुम्हे अपने लिए जीना सिखाना चाहती हूं
तुम्हारे हाथों को अपने हाथों में और अपने हाथों को तुम्हारे हाथों में देना चाहती हूं
तुम्हे अपना बनाना चाहती हूं
तुम्हारे साये में ज़िंदगी बिताना चाहती हूं
रातों को तुम्हे अपने लिए और खुद को तुम्हारे लिए जगाना चाहती हूं
तुम्हारे साथ जीना और तुम्हारे साथ मर जाना चाहती हूं
तुम्हे अपना बनाना चाहती हूं
तुम्हारे साये में ज़िंदगी बिताना चाहती हूं
पर ना तुम मेरे हो सकते हो ना मैं तुम्हारी
ये दुनिया और ये समाज की बंदिशें हमें एक होने ना देंगी
मुझे तुम्हारे साथ हसने और तुम्हे मेरे साथ रोने ना देंगी
एक होने ना देंगी...
एक होने ना देंगी...
© Navi
तुम्हारे साये में ज़िंदगी बिताना चाहती हूं
अपने दिल में तुमको और तुम्हारे दिल में खुद को बसाना चाहती हूं
तुम्हे अपना कृष्णा और खुद को तुम्हारी राधा कहना चाहती हूं
तुम्हे अपना बनाना चाहती हूं
तुम्हारे साये में ज़िंदगी बिताना चाहती हूं
तुम्हारे लिए मरना और तुम्हे अपने लिए जीना सिखाना चाहती हूं
तुम्हारे हाथों को अपने हाथों में और अपने हाथों को तुम्हारे हाथों में देना चाहती हूं
तुम्हे अपना बनाना चाहती हूं
तुम्हारे साये में ज़िंदगी बिताना चाहती हूं
रातों को तुम्हे अपने लिए और खुद को तुम्हारे लिए जगाना चाहती हूं
तुम्हारे साथ जीना और तुम्हारे साथ मर जाना चाहती हूं
तुम्हे अपना बनाना चाहती हूं
तुम्हारे साये में ज़िंदगी बिताना चाहती हूं
पर ना तुम मेरे हो सकते हो ना मैं तुम्हारी
ये दुनिया और ये समाज की बंदिशें हमें एक होने ना देंगी
मुझे तुम्हारे साथ हसने और तुम्हे मेरे साथ रोने ना देंगी
एक होने ना देंगी...
एक होने ना देंगी...
© Navi
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