...

5 views

होलिका दहन की हार्दिक शुभकामनाएँ।🙏🏻🙏🏻
1. हिरण्यकश्यप कि एक बहन थी, नाम था उसका सिंघीका ।
अग्निदेव से वरदान पाने के पश्चात नाम हो गया उसका होलीका।।

2. होलिका को वरदान मिला था कि नही जला पाएगा उसे कोई भी आग।।
इसी को देखकर हिरणकश्यप के मन में गया शैतानी योजना जाग ।।

3. हिरण्यकश्यप प्रहलाद को चखाना चाहता था मौत का स्वाद।
इसलिए होलीका अग्नि मे बैठ गई गोद में लेकर प्रहलाद।।

4. प्रहलाद नारायण का भक्त था इसलिए नारायण से मांगा अपनी प्राणों की भिक्षा।
नारायण अपने भक्त पर दया किए और किए प्रहलाद के प्राणों की रक्षा।

5. नारायण कि कृपा से बच गया प्रहलाद की जान।
और उसी आग में जलकर निकल गया होलिका का प्राण।।

6. हिरण्यकश्यप नही बचा पाया अपनी प्यारी सी बहन को।
होलिका को जल जाने खुशी मे तब से मनाया जाता है हर वर्ष होलिका दहन को।।

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻