...

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मेरी कहानी
लिखना मैं शुरू किया
सोचने से पहले
बचपन मेरा खत्म हुआ
स्कूल जाने से पहले

जब फूल खिले हाथों में
सारा बोझ उठाना पड़ा
दो पल कमाने से पहले

एक रिश्ता भी आई छत पे यहाँ
मगर चाँद तारे चले गए
ख़्वाब देखने से पहले

मंज़िल तय थी और रास्ता भी
निकल गई सारी रात
सफर पूरा होने से पहले

© prashanth K