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प्रेम
प्रेम का रूप कितना सुंदर
जीवन करता इंसान का बेहतर
जीने की उम्मीद जगाता
हज़ार अरमानों का ख़्वाब सजाता
बीत जाती इंतज़ार की घड़ी
फ़िर भी होठों पर मुस्कान सजी
हृदय में अथाह सागर का प्रेम
इंसान भूल जाता दुःख, दर्द रिश्तों का द्वेष
कोई अपना हृदय का बन जाता ख़ास
घोल से रिश्तों में शक्कर सी मिठास
उसके बिना जीना आसान नहीं होता
बिन उसके इंतज़ार की घड़ियाँ काटना मुश्किल होता
महक जैसे फूलों का साथ देता
प्रेम भी हृदय में बस रिश्ता निभाता
© rimjhim thoughts
जीवन करता इंसान का बेहतर
जीने की उम्मीद जगाता
हज़ार अरमानों का ख़्वाब सजाता
बीत जाती इंतज़ार की घड़ी
फ़िर भी होठों पर मुस्कान सजी
हृदय में अथाह सागर का प्रेम
इंसान भूल जाता दुःख, दर्द रिश्तों का द्वेष
कोई अपना हृदय का बन जाता ख़ास
घोल से रिश्तों में शक्कर सी मिठास
उसके बिना जीना आसान नहीं होता
बिन उसके इंतज़ार की घड़ियाँ काटना मुश्किल होता
महक जैसे फूलों का साथ देता
प्रेम भी हृदय में बस रिश्ता निभाता
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