...

5 views

प्रेम
प्रेम का रूप कितना सुंदर
जीवन करता इंसान का बेहतर

जीने की उम्मीद जगाता
हज़ार अरमानों का ख़्वाब सजाता

बीत जाती इंतज़ार की घड़ी
फ़िर भी होठों पर मुस्कान सजी

हृदय में अथाह सागर का प्रेम
इंसान भूल जाता दुःख, दर्द रिश्तों का द्वेष

कोई अपना हृदय का बन जाता ख़ास
घोल से रिश्तों में शक्कर सी मिठास

उसके बिना जीना आसान नहीं होता
बिन उसके इंतज़ार की घड़ियाँ काटना मुश्किल होता

महक जैसे फूलों का साथ देता
प्रेम भी हृदय में बस रिश्ता निभाता



© rimjhim thoughts