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जताना मत
प्रेमी हो या पति
अगर तुम पुरुष हो
मेरे जीवन के
संगिनी हूं
हक है तुम्हारा मेरे मन पर
तो जीतना उसे, जताना मत
प्रेम में जलती है काया
विरह में
जलती हुई काया पर
बादल बन बरसाना , तरसाना मत
हर तकलीफ रास्ते की
सह लूंगी हंसते हंसते
बस बीच राह में
हाथ छोड़कर चले जाना मत
अर्धांगिनी हूं मगर
सत्य पर तुम पर
तुम्हारे सुख दुख पर
अधिकार है पूरा
मुझसे कोई ऐसी बात छुपाना मत
© Poeत्रीباز
अगर तुम पुरुष हो
मेरे जीवन के
संगिनी हूं
हक है तुम्हारा मेरे मन पर
तो जीतना उसे, जताना मत
प्रेम में जलती है काया
विरह में
जलती हुई काया पर
बादल बन बरसाना , तरसाना मत
हर तकलीफ रास्ते की
सह लूंगी हंसते हंसते
बस बीच राह में
हाथ छोड़कर चले जाना मत
अर्धांगिनी हूं मगर
सत्य पर तुम पर
तुम्हारे सुख दुख पर
अधिकार है पूरा
मुझसे कोई ऐसी बात छुपाना मत
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