इस युग में असंभव दुनिया का सिकंदर
लालमुहां बंदर,
कोविड़ पसरा गया अंदर !
कहता राजा मैं धरती का,
मेरा ही समंदर !!
कहीं का रहा नहीं,
पिट गया घर के अंदर !
इस युग में असंभव,
दुनिया का सिकंदर !!
- आवेश हिन्दुस्तानी 8.11.2020
कोविड़ पसरा गया अंदर !
कहता राजा मैं धरती का,
मेरा ही समंदर !!
कहीं का रहा नहीं,
पिट गया घर के अंदर !
इस युग में असंभव,
दुनिया का सिकंदर !!
- आवेश हिन्दुस्तानी 8.11.2020
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