...

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जीवन भर हंसते रहें
*जीवन भर हंसते रहें*

अपनों से हम कटे रहे, दुनिया से हम सटे रहे
एक के बदले ना जाने, कितनों में हम बंटे रहे

अपने रिश्तेदारों को हम, वक्त कभी न दे पाए
मजे उड़ाए औरों के संग, घर वाले तरसते रहे

दूर हुए अपनों से इतने, मिलने का समय नहीं
एक झलक पाने को, नैनों से आंसू बरसते रहे

सोचो उनके बारे में, जिनके संग बीता बचपन
आओ उनके संग रहकर, जीवन भर हंसते रहें

*ॐ शांति*
© Bk mukesh modi