...

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निखर जायेगा
कर अगवानी सूरज की,
फिर बंदे तु निखर जाएगा ।
कर फिकर ना दुनियाँ की
वादों से जहाँ मुकर जायेगा ।

तुम हो तेजस धीर गंभीर
और वीर हो, सूर्य पुत्र हो ।
तेज समान तुम ही सर्वत्र हो,
तुमसा कोई न कहीं अन्यत्र हो ।

उठ चलो ये है युद्ध तुम्हारा
विश्व को दोगे तुम ही सहारा ।
तुझसे नव यौवन है त्रिभुवन,
बनना है तुम्हे, आंखों का तारा ।
©®@devideep3612
तुम आज के नौजवान हो,
उगते सूरज के निशान हो ।
थकना ना तू आगे बढ़ जा,
विश्व को अपने पग में कर जा ।

कंचन के भांति तु तप ले,
यशोगान भी दिल से जप ले ।
देखना तु तब निखर जाएगा,
बचना वरना बिखर जाएगा ।
©®@devideep3612