सुनो साहेब, जब भी याद मेरी आए तो
सुनो साहेब,
जब भी मेरी गैर-महरम यादें सताने लगे,
रब के सज़दे में सर झुका लिया करना,
ईबादत कर लिया करना, दुआओं में रो लिया करना,
रब को अपना हाल ए दिल सुना दिया करना.............
सुनो साहेब,
ईबादत कर लिया करना
ईबादत कर लिया करना
............................. .......................
..... ........... ...................................
सुनो साहेब,
याद जो मेरी तुम्हें आए,
मेरा पसंदीदा परफ्यूम लगा लिया करना,
मैं इर्द- गिर्द खुशबू में महकती हुई मिलुँगी।
याद जो मेरी तुम्हें आए,
बालों पे अपने हाथ फेर लिया करना,
मैं भी वहीं ख़ामोशी से मुस्कुराते हुए मिलुँगी।
याद जो मेरी तुम्हें आए,
कबूतरों से चन्द बातें कर लिया करना,
मैं भी इर्द- गिर्द कबूतरों के साथ मुस्कुराते हुई मिलुँगी।
याद जो मेरी तुम्हें आए,
किसी गरीब बच्चे से दो घड़ी प्यार
से बतिया लिया करना,
उसकी आँखों में हौसले का एक दिया
जला दिया करना,
मैं इर्द- गिर्द ही ख़ुशी से गुनगुनाते हुए मिलुँगी।
सुनो साहेब,
याद जो मेरी तुम्हें आए,
दो घड़ी फ़लक पे बैठे उस चाँद...
जब भी मेरी गैर-महरम यादें सताने लगे,
रब के सज़दे में सर झुका लिया करना,
ईबादत कर लिया करना, दुआओं में रो लिया करना,
रब को अपना हाल ए दिल सुना दिया करना.............
सुनो साहेब,
ईबादत कर लिया करना
ईबादत कर लिया करना
............................. .......................
..... ........... ...................................
सुनो साहेब,
याद जो मेरी तुम्हें आए,
मेरा पसंदीदा परफ्यूम लगा लिया करना,
मैं इर्द- गिर्द खुशबू में महकती हुई मिलुँगी।
याद जो मेरी तुम्हें आए,
बालों पे अपने हाथ फेर लिया करना,
मैं भी वहीं ख़ामोशी से मुस्कुराते हुए मिलुँगी।
याद जो मेरी तुम्हें आए,
कबूतरों से चन्द बातें कर लिया करना,
मैं भी इर्द- गिर्द कबूतरों के साथ मुस्कुराते हुई मिलुँगी।
याद जो मेरी तुम्हें आए,
किसी गरीब बच्चे से दो घड़ी प्यार
से बतिया लिया करना,
उसकी आँखों में हौसले का एक दिया
जला दिया करना,
मैं इर्द- गिर्द ही ख़ुशी से गुनगुनाते हुए मिलुँगी।
सुनो साहेब,
याद जो मेरी तुम्हें आए,
दो घड़ी फ़लक पे बैठे उस चाँद...