...

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दूर...
#दूर
दूर फिरंगी बन कर घूम रहा कोई,
मन बंजारा कहता है ढूंढ रहा कोई;
वृक्ष विशाल प्रीत विहार कर रहा कोई,
मिलने की ख्वाहिश में तड़प रहा कोई;

दूर लोगों की भीड़ से शांति ढूंढ रहा कोई,
किसी के दीदार के लिए तड़प रहा कोई;
हर पल किसी की यादों में खोया रहा कोई,
मिलने का वक्त नहीं निकाल पा रहा कोई;

लोगों के बीच खुश हो रहा कोई,
वहीं बीच महफ़िल एकांत ढूंढ रहा कोई;
दूर फिरंगी बन कर घूम रहा कोई,