सब संभव है राम से।
विघ्न विनाशक गणपति, अर्ज निवेदन एक।
सेहतमंद ऋतु को करो, देव दया से देख।।
टहल चाकरी भाव से,करते गर होते पास।
सरसोंतेल को गुनगुना, मालिश करते खास।।
ज्वर से पीड़ा बदन में, होती है हर ठौर।
तेल गुनगुना हाथ ले ,मालिश करते जोर।।
कर दिखाते जो...
सेहतमंद ऋतु को करो, देव दया से देख।।
टहल चाकरी भाव से,करते गर होते पास।
सरसोंतेल को गुनगुना, मालिश करते खास।।
ज्वर से पीड़ा बदन में, होती है हर ठौर।
तेल गुनगुना हाथ ले ,मालिश करते जोर।।
कर दिखाते जो...