चौखट पर दिये
चौखट पर दिए तो जला दिए हैं ,
पर ज़िन्दगी में छाए अंधेरों का क्या करूं?
उम्मीद की एक लौ के लिए भगवान की आभारी हूं,
पर खुद से डगमगाए बिस्वास का क्या करूं?
घर आंगन को तो खुशियों से रंगीन कर दिया है ,
पर इस बेरगीन सी...
पर ज़िन्दगी में छाए अंधेरों का क्या करूं?
उम्मीद की एक लौ के लिए भगवान की आभारी हूं,
पर खुद से डगमगाए बिस्वास का क्या करूं?
घर आंगन को तो खुशियों से रंगीन कर दिया है ,
पर इस बेरगीन सी...