...

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पराया
तो क्या गर तुम्हें कद्र नहीं मेरे मुहब्बत का
मैं तुम्हें बेवफा नहीं कहता.......।
इक तरफा मोहब्बत की खता तो हमसे हुई है।
तेरे ना के बाद भी मुस्कुराता हूं
मैं दीवाना खफा नहीं रहता.....।
तू चांद आसमा का सा....
मैं सीकों के पिंजरे जैसा तेरे नूर से भरा हुआ
मैं तुमको पाना चाहता हूं।
मुझे शायद इल्म नहीं इस बात की है
मैं इंसा टुच्ची सी दुनियां का हूं
तू अप्सरा हयात की है।

की तुमसे मुहब्बत हुई है यह काफी है
तुम जरूरी नहीं हो मुझको
मेरा जर्रा जर्रा तुमसा हो गया है ।
ईश्क के बाद दुनियां मेरी बदल गई
हर इंसा प्यारा लगता हैं ।
मुहब्बत बढ़ती जा रही थी
तेरे बाद भी तेरे लिए.......
अब तो लुटाता हू मुहब्बत तेरे हिस्से का दोस्तों में
बेवजह जाया नहीं होने देता हूं।
तेरे बाद सबको अपना मानता हुं किसी को पराया नहीं होने देता हूं।

© Deep Quotes