अपनी अहमियत गँवाई है ....
उसने मुझे अपने घर की इज्ज़त बताई है,
मुझसे ही दहेज लेकर,
मेरी ही नजरों मे अपनी इज्ज़त लुटाई है।
घर की लक्ष्मी बताकर
चार दिवारों के अंदर रहने की,
मर्यादा सिखाई है।
मुझपर हाथ उठाकर,
तुमने जो मर्दानगी दिखाई है,
उससे आज मेरी रूह कप कपाई है।
महसूस ऐसा हो रहा है,
सर्वगुण संपन्न होने के बावजूद,
मैंने अपनी अहमियत गँवाई है।
उसने मेरी ही नजरों में अपनी इज्ज़त लुटाई है।
@Rihaya
@KitKat..
© Friends4ever
#Poetry
मुझसे ही दहेज लेकर,
मेरी ही नजरों मे अपनी इज्ज़त लुटाई है।
घर की लक्ष्मी बताकर
चार दिवारों के अंदर रहने की,
मर्यादा सिखाई है।
मुझपर हाथ उठाकर,
तुमने जो मर्दानगी दिखाई है,
उससे आज मेरी रूह कप कपाई है।
महसूस ऐसा हो रहा है,
सर्वगुण संपन्न होने के बावजूद,
मैंने अपनी अहमियत गँवाई है।
उसने मेरी ही नजरों में अपनी इज्ज़त लुटाई है।
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