...

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बहका मन
ख़्वाब में आता इक चेहरा,
ढलका सा आंचल लिए,

आँखों में समेटे है चाँदनी,
मद्धम सी मुस्कान लिए,

बदन जैसे नागिन कोई,
लचकती वो क़माल है,

जुल्फ जैसे घने मेघ कहीं,
मचा रही बवाल है,

दिल सवाल कर रहा मेरा,
क्यों आज़ तू धड़कना भूल गया,

पाया है कुछ या खो गया तेरा,
बता क्यों बुरा हाल है।

© khwab