एक वही था
एक वही था,जो मेरे आने की खुशी में पागल फिर रहा था,जो मेरी हर जरूरत को पहले से पूरा करने की कोशिश में लगा था,जिसकी गोद में आकर मैंने पहली किलकारी मारी थी,जिसके कंधे पे बैठ के मैंने सारा गांव घुमा था,जो मेरी हर जरूरत में मेरी जेब में पैसे रखता था, जो अंदर से तो मोम पर ऊपर से सख्त लगता था, जिसने अपनी ना सोच, मेरी तरक्की को खुद से दूर मुझे भेजा था,जो मेरी इच्छाएं ही अपनी इच्छा समझता था, जो रोज खाने से पहले, मैंने खाया या नहीं ये फिकर रखता था, जो मेरे हर सपने को अपना मानता था, उन सपनों तक पहुंचने की सीढ़ी को अपनी मेहनत का सहारा देता था,जो हर मुश्किल से खुद लड़ता पर मुझे हिफाज़त से रखता था। एक वही था,जो खुद सुखी रोटी खाता,पर मुझे अच्छे खाने, अच्छी सेहत के हर साधन उपलब्ध कराता था। एक वही था,सच कहूं तो सच्चा प्यार, वो मेरे पापा हैं जो मुझे करते हैं।
Related Stories