...

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एक अनार आशिक हजार
सफर उफ़ान लिए खड़ा था
हमसफ़र तुफान लिए खड़ा था
आशिक आस लिए खड़ा है कि शादी होगी
जब उसकी भी अपनी नोकरी होगी
सफर उफ़ान लिए खड़ा था
हमसफ़र तुफान लिए खड़ा था
आशिक की आशिकी धरी की धरी रह गई
जब सरकारी लडके से उसकी आशिक का ब्याह हो गया
सफर उफ़ान लिए खड़ा था
हमसफ़र तुफान लिए खड़ा था
आशिक आंसू लिए खड़ा था
मन ही मन खुद को कोश रहा था
तन को नसें में झोंक रहा था
सफर उफ़ान लिए खड़ा है
हमसफ़र तुफान लिए खड़ा है

© Jagdish Chandra jd