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अपनी कहानी लिखूँ
अब जरूरी हो गया है
की खुद की कहानी लिखूँ
बात हो नई या पुरानी सही
पर अपनी हीं जुबानी लिखूँ
कब तलक छोड़ दूँ शिकारी को
हिरण का इतिहास लिखने को
अब तो वक्त है कि अपनी कलम से
उस शिकारी को खुल कर हैवानी लिखूं
हाँ मनाता हूँ यह कागज और कलम
यह रौशनी और मजलिस उनके हैं
पर मौका है अपने खून से हीं सही
अपने भी अस्तित की निशानी लिखूं
सिर्फ प्यार से सभी मान जाते हैं
इस झूठ से मुक्त एक जवानी लिखूं
© eternal voice नाद ब्रह्म
की खुद की कहानी लिखूँ
बात हो नई या पुरानी सही
पर अपनी हीं जुबानी लिखूँ
कब तलक छोड़ दूँ शिकारी को
हिरण का इतिहास लिखने को
अब तो वक्त है कि अपनी कलम से
उस शिकारी को खुल कर हैवानी लिखूं
हाँ मनाता हूँ यह कागज और कलम
यह रौशनी और मजलिस उनके हैं
पर मौका है अपने खून से हीं सही
अपने भी अस्तित की निशानी लिखूं
सिर्फ प्यार से सभी मान जाते हैं
इस झूठ से मुक्त एक जवानी लिखूं
© eternal voice नाद ब्रह्म
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