...

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फर्जी प्यादा।
खूब रंग दिखाए
जिंदगी ने इस
चुप सेअकेले रह गए
गुम हो शोर करते
भीङ के हलचल में
शायद बस भरमाए।।
यह जीवन अबूझ बङा है
राग द्वेष सब यहीं पला है
परिचरण करते सब एक हैं दिखते
फिर अलग अलग क्यूँ बिखरे चलते
सब थोङे से हैं घबराए।।
हस्ती की मस्ती लुप्त...