मेरी खुशी का ठिकाना
मैं खुद में ही रहती हूँ , मैं खुद में ही हंसती हूँ न किसी की जरूरत है न किसी से उम्मीद रखती हूँ,
उम्मीद देने वाले बदल गए साथ निभाने वाले छोड़ कर चले गए,
मुझे मेरे अपनों ने ना समझा बाकी तो फिर भी गैर थे ।
अपने आँसु किसी को नहीं दिखाती हूँ ...
उम्मीद देने वाले बदल गए साथ निभाने वाले छोड़ कर चले गए,
मुझे मेरे अपनों ने ना समझा बाकी तो फिर भी गैर थे ।
अपने आँसु किसी को नहीं दिखाती हूँ ...