...

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उपहार
आँसुओं के आचमन का बस मुझे अधिकार दे दो,
हो सके तो मीत पावन प्रीति का उपहार दे दो ।।

राह पलकों से बुहारूॅं आँसुओं से सींच गलियाँ
बाग में मधुगंध भरतीं खिल उठें अधरों की कलियाँ
भाल पर कुमकुम लगाने का मुझे अधिकार दे दो
हो सके तो मीत पावन प्रीति का उपहार दे दो ।।

सूर्य को दीपक बना कर आरती कर लूॅं तुम्हारी
साँस की जंजीर से बांधूं हृदय की पीर सारी
चरण रज मस्तक सजाने का मुझे अधिकार दे दो
हो सके तो मीत पावन प्रीति का उपहार दे दो ।।

बस रहा प्रतिबिम्ब हर पल...