poem
मैं सुंदर सरोवर की लहर बनू पर उमड़ उमड़ कर वही मिटु
पल भर का जीवन मेरा फिर क्यों तू सरोवर अभिलाष रे?।
@kamal
पल भर का जीवन मेरा फिर क्यों तू सरोवर अभिलाष रे?।
@kamal
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