मत बाँटो मेरे देश महान को..
क्युँ बाँटते हो इंसान को,
मत बाँटो मेरे देश महान को...
.
क्या फ़र्क है सब इन्सान में,
दिखता रब़ है सबको अपनी माँ में।
फ़िर क्युँ ऊँचा करते हो अभिमान को..
.
क्युँ बाँटते हो इंसान को,
मत बाँटो इस देश महान को...
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चल दिए देखो ले बंदूक...
मत बाँटो मेरे देश महान को...
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क्या फ़र्क है सब इन्सान में,
दिखता रब़ है सबको अपनी माँ में।
फ़िर क्युँ ऊँचा करते हो अभिमान को..
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क्युँ बाँटते हो इंसान को,
मत बाँटो इस देश महान को...
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चल दिए देखो ले बंदूक...