हम डरते हैं...
हम डरते हैं नए रिश्ते बनाने से...
वो रिश्ते जो कांच के बने होते है
जिसमें हमारा अक्श तो दिखता है
पर थोड़ी सी तकलीफ देखकर ही
वो अक्श कई टुकड़ों में बंट जाता है...
वो रिश्ते जो कांच के बने होते है
जिसमें हमारा अक्श तो दिखता है
पर थोड़ी सी तकलीफ देखकर ही
वो अक्श कई टुकड़ों में बंट जाता है...