दिल्ली दरबार से संचालित सरकारें जनहित के कार्य करने में असमर्थ
कोरोना वायरस के प्रति सरकारों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध तो खोल दिए गए हैं पर आज भी बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है उसकी वजह यह बताई जा रही है कि सरकार ने जो प्रतिबंध लगाया था उसका टैक्स बस मालिक क्यों भरें इसके अलावा बसों में 25-30 सवारी ही बैठे-बैठें निश्चित ही सरकार का यह फैसला सही है पर दूसरी तरफ सरकार को यह भी सोचना चाहिए कि जो बस मालिक रोड टैक्स 54-56 सवारियों का दे रहे हैं और उनको मात्र 25 सवारी बैठने की इजाजत दी जा रही है यह न्याय संगत नहीं दिखता दूसरी बात यह भी है कि जिन बसों को सरकार द्वारा ना चलाने के निर्देश दिए गए थे उनको करीब 3 माह हो चुके हैं उनसे 3 माह रोड टैक्स वसूलना भी न्याय संगत नहीं दिखता इन सब परेशानियों को देखते हुए बैतूल जिले के बस संचालक श्री हेमंत वागद्रे जी ने कहा कि 50% सवारियां बिठाकर बस मार्गों पर चलाना बहुत मुश्किल है इसमें डीजल का खर्च भी हमारा नहीं निकलता जबकि हमको डीजल इंश्योरेंस कर्मचारियों की तनख्वाह बसों की टूट-फूट ऐसे तमाम खर्चे हैं वह हम नहीं उठा सकते इसी तरह लॉक डाउन होने के पहले ही सरकार ने हमारी बसों का संचालन पर रोक रोक लगा दी थी बसे करीब 3 माह तक नहीं चली लेकिन हमने टेक्स्ट जरूर भरा हम लोगों का मांग है कि 3 माह का टैक्स सरकार माफ करें एवं 50% सवारी बिठाने पर उतना ही टैक्स लिया जाए जितनी सवारी बैठाने की सरकार ने इजाजत दे रही है।
लाख डाउन खुलने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्र के किसान मजदूर गरीब तबके के लोग आवाजाही में असमर्थ हैं उसका कारण यह है कि ज्यादातर लोगों के पास खुद का साधन नहीं है जो मजदूर गांवों से शहरों की तरफ मजदूरी करने आते हैं उनको कोई साधन ना होने के कारण वह मजदूरी करने से वंचित है निश्चित ही उनकी आमदनी ना होने से जितनी बुरी गत लाभ डाउन में हुई है उससे कहीं ज्यादा अब हो रही है मैं समझता हूं कि सरकार को इस ओर गंभीरता से विचार करते हुए जनहित में निर्णय लेना अति आवश्यक है#WritcoPoemChallenge
My life is an open book,
That led me through every nook,
And every corner of discovery,
Of life's long journey
लाख डाउन खुलने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्र के किसान मजदूर गरीब तबके के लोग आवाजाही में असमर्थ हैं उसका कारण यह है कि ज्यादातर लोगों के पास खुद का साधन नहीं है जो मजदूर गांवों से शहरों की तरफ मजदूरी करने आते हैं उनको कोई साधन ना होने के कारण वह मजदूरी करने से वंचित है निश्चित ही उनकी आमदनी ना होने से जितनी बुरी गत लाभ डाउन में हुई है उससे कहीं ज्यादा अब हो रही है मैं समझता हूं कि सरकार को इस ओर गंभीरता से विचार करते हुए जनहित में निर्णय लेना अति आवश्यक है#WritcoPoemChallenge
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