तुम्हारी याद
चलते चलते कितनी दूर आगाये,
सफर के कांटे पैरो मैं समा गए।
खोया जो तुझको खो खुद को भी बैठे,
सांस तो आती है पर खुद को भुला बैठे।
एक तेरी याद हर पल सताती है ,
रात को सोते समय भी आंखे नम कर जाती है।
अरे...
सफर के कांटे पैरो मैं समा गए।
खोया जो तुझको खो खुद को भी बैठे,
सांस तो आती है पर खुद को भुला बैठे।
एक तेरी याद हर पल सताती है ,
रात को सोते समय भी आंखे नम कर जाती है।
अरे...