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चाहते हैं
मोहब्बत की दार पे लटके हुऐ भी आपका
दीदार चाहते हैं,
कभी पा सके आपको तो एक नहीं हर जन्म इंतज़ार चाहते हैं,
दुनियां से क्या खुदा से भी लड़ जाए पर पहले आपका इकरार चाहते हैं,
हमें तो तलब हैं वफ़ा की पर पहले आपका इज़हार चाहते हैं,
मरेंगे नहीं जीना छोड़ देंगे बस एक बार आपका इन्कार चाहते हैं,
ज़िन्दगी में क्या ख्यालों में ना आयेंगे 'ताज' पर कुछ यादें उधार चाहते हैं। दार (सूली)
© taj
दीदार चाहते हैं,
कभी पा सके आपको तो एक नहीं हर जन्म इंतज़ार चाहते हैं,
दुनियां से क्या खुदा से भी लड़ जाए पर पहले आपका इकरार चाहते हैं,
हमें तो तलब हैं वफ़ा की पर पहले आपका इज़हार चाहते हैं,
मरेंगे नहीं जीना छोड़ देंगे बस एक बार आपका इन्कार चाहते हैं,
ज़िन्दगी में क्या ख्यालों में ना आयेंगे 'ताज' पर कुछ यादें उधार चाहते हैं। दार (सूली)
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