लहरें
ऐसी भी लहेरे थी जो कभी देख न सखी किनारे।
नावे भी कुछ पार लगी बिन नाविक पतवारे।
ऐसे भी आंसू थे जो आँखों तक ना चल पाए।
लब्ब्ज थे कुछ ऐसे दिल से होटो तक ना आ पाए।
ऐसे भी कुछ सपने थे आंख खुलते ही धुल गए।
कुछ...
नावे भी कुछ पार लगी बिन नाविक पतवारे।
ऐसे भी आंसू थे जो आँखों तक ना चल पाए।
लब्ब्ज थे कुछ ऐसे दिल से होटो तक ना आ पाए।
ऐसे भी कुछ सपने थे आंख खुलते ही धुल गए।
कुछ...